1991 के दौर में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने कहा था की भाजपा और संघ से लड़ पाना बहुत मुश्किल है ये मुखौटा पहन कर सामने आते है अभी राम का पहना हुआ है अगर आप भाजपा का विरोध करेंगे तो लोगो को ऐसा महसूस होगा की राम का विरोध किया जां रहा है,समय के साथ राव साहब की बात सच साबित हुई,रामजन्मभूमि मामला 1950 से कोर्ट में लंबित था और उस पर फैसला भी आया 2011 में जो अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है फिर क्यो हजारों लोग दंगों में मारे गए क्यो लोगो की भावनाओं से खेला गया,
ठीक उसी प्रकार अभी भाजपा ने सेना का मुखौटा पहना हुआ है,सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना ने लांच पैड पर हमला कर नस्ट करने की बात कही और कितने दुश्मन सैनिक मारे संख्या नही बताई लेकिन मीडिया रिपोर्ट भिन्न आने पर सवाल तो उठने स्वाभाविक थे सो उठे बस इसे सेना पर अविश्वाश मानकर घटिया और ओछे स्तर की बयानबाजी होने लगी की अपने माँ बाप के सुहागरात का वीडियो दिखाऊँ,पढे लिखे अनपढ़ और ज़ाहिलो को ये पता नही है की डीएनए टेस्ट भी होता है इसके लिए,
सर्जिकल स्ट्राइक पहले भी होती रही है लेकिन उसे स्वीकार नही किया जाता था कि अनतररास्ट्रीय स्तर पर हमे कहना होता था कि हमारे साथ दुश्मन देश ग़लत कर रहा है,पहले पाकिस्तान चिल्लाता था की भारत हमारे साथ ग़लत कर रहा है और हम मुस्कुरा कर कहते थे हम शान्ति पसंद करते है,पहले हम वैश्विक समर्थन पाने के लिए अपने अभियान छिपाते थे लेकिन अबकी बार उल्टा हो रहा है इसीलिये हमारे कई निकट सहयोगी हमसे हाल के वर्षो में हमसे दूर् हुए है,और इन सब मुद्दों को उठाना देशद्रोह है,
जबकि ना इन्हे राम से मतलब है न सेना से ये सिर्फ़ मुखौटे लगाते है जो समय के साथ बदलते है,जेके चुनाव के पहले धारा 370 अब गायब,अफजल गुरू को ऐलानिया शहीद का दर्ज़ा और बाप बेटी की सरकार से गठबंधन,बिहार का रुप बदल देने के वादे अब वहा से भी गायब,नागा विद्रोहियों से समझौता,लिट्टे के आतंकवादियों को मान्यता देने वालों से तमिलनाडु में समझौता,इंदिरा हत्याकांड मे शामिल आतंकवादियों को शहीद का दर्जा देने वालों से पंजाब में समझौता,अब यूपी चुनाव के लिए समान नागरिक संहिता और राम संग्रहालय के मुखौटे लगाए गए है जिन्हें यूज एंड थ्रो करना विगत की भांति अवश्यंभावी है,
लोकतंत्र और परिपक्व होगा और इनके मुखौटे उतारेंगे फिलहाल कट्टरपंथ हावी है जिसका चरम पर पहुँचना अभी बाकी है,ये लड़ाई दक्षिणपंथ और वामपंथ की है जिसका नुकसान केंद्रीयकृत विचारधारा को पता नही कब तक उठाना होगा..वक्त लगेगा पर सच सामने आयेगा जरूर..वैसे संघ के विचारक गोविंदाचार्य को यह कहने पर पार्टी से बाहर किया गया था की वाजपेयी तो पार्टी के मुखौटे है जो अब तक वापस नही हुए है क्योकि समय बदला और समय के साथ बदले मुखौटे..!!
ठीक उसी प्रकार अभी भाजपा ने सेना का मुखौटा पहना हुआ है,सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना ने लांच पैड पर हमला कर नस्ट करने की बात कही और कितने दुश्मन सैनिक मारे संख्या नही बताई लेकिन मीडिया रिपोर्ट भिन्न आने पर सवाल तो उठने स्वाभाविक थे सो उठे बस इसे सेना पर अविश्वाश मानकर घटिया और ओछे स्तर की बयानबाजी होने लगी की अपने माँ बाप के सुहागरात का वीडियो दिखाऊँ,पढे लिखे अनपढ़ और ज़ाहिलो को ये पता नही है की डीएनए टेस्ट भी होता है इसके लिए,
सर्जिकल स्ट्राइक पहले भी होती रही है लेकिन उसे स्वीकार नही किया जाता था कि अनतररास्ट्रीय स्तर पर हमे कहना होता था कि हमारे साथ दुश्मन देश ग़लत कर रहा है,पहले पाकिस्तान चिल्लाता था की भारत हमारे साथ ग़लत कर रहा है और हम मुस्कुरा कर कहते थे हम शान्ति पसंद करते है,पहले हम वैश्विक समर्थन पाने के लिए अपने अभियान छिपाते थे लेकिन अबकी बार उल्टा हो रहा है इसीलिये हमारे कई निकट सहयोगी हमसे हाल के वर्षो में हमसे दूर् हुए है,और इन सब मुद्दों को उठाना देशद्रोह है,
जबकि ना इन्हे राम से मतलब है न सेना से ये सिर्फ़ मुखौटे लगाते है जो समय के साथ बदलते है,जेके चुनाव के पहले धारा 370 अब गायब,अफजल गुरू को ऐलानिया शहीद का दर्ज़ा और बाप बेटी की सरकार से गठबंधन,बिहार का रुप बदल देने के वादे अब वहा से भी गायब,नागा विद्रोहियों से समझौता,लिट्टे के आतंकवादियों को मान्यता देने वालों से तमिलनाडु में समझौता,इंदिरा हत्याकांड मे शामिल आतंकवादियों को शहीद का दर्जा देने वालों से पंजाब में समझौता,अब यूपी चुनाव के लिए समान नागरिक संहिता और राम संग्रहालय के मुखौटे लगाए गए है जिन्हें यूज एंड थ्रो करना विगत की भांति अवश्यंभावी है,
लोकतंत्र और परिपक्व होगा और इनके मुखौटे उतारेंगे फिलहाल कट्टरपंथ हावी है जिसका चरम पर पहुँचना अभी बाकी है,ये लड़ाई दक्षिणपंथ और वामपंथ की है जिसका नुकसान केंद्रीयकृत विचारधारा को पता नही कब तक उठाना होगा..वक्त लगेगा पर सच सामने आयेगा जरूर..वैसे संघ के विचारक गोविंदाचार्य को यह कहने पर पार्टी से बाहर किया गया था की वाजपेयी तो पार्टी के मुखौटे है जो अब तक वापस नही हुए है क्योकि समय बदला और समय के साथ बदले मुखौटे..!!