Wednesday 1 March 2017

सभी महानुभाव उस लड़की गुरमेहर कौर के पिछले साल के वीडियो को देखे आपको कुछ भी गलत नहीं लगेगा,उसने युद्ध की विभीषका और शान्ति  बहाली की अपील की थी,खैर उस वीडियो को ट्रोल सहवाग की टिप्पणी के बाद तब किया गया जब वो आरएसएस के छात्र संगठन के खिलाफ बोली मतलब उसके शब्द तब ही गलत हुए जब उसने सर्वशक्तिमानो के खिलाफ बोला,हालांकि सहवाग अब सफाई दे चुके है,लेकिन अभिनेत्री स्वरा का हालिया ट्वीट पर गौर फरमाएं "मैंने चुनाव में भाजपा के खिलाफ बोला था तबसे मुझे हर सुबह ट्वीटर पर गालिया मिलती है'
अमिताभ ने कहा कि मैं इस बारे में क्या सोचता हूं ये मेरे निजी विचार है इन्हें ज़ाहिर करूंगा तो वो सार्वजनिक हो जाएंगे" मतलब शक्तिमान लोग भी सत्ता और उनसे जुड़े लोगो के खिलाफ बोलने से डरते है,यदि लोग सरकार का विरोध नहीं करेंगे तो सरकार की कमियां कैसे सामने आएगी।
सहवाग साहब अगर क्रिकेट मैच नहीं होता तो आप रन ही न बना पाते वैसे ही सम्बन्ध सामान्य होते और युद्ध न होता तो सैनिक शहीद न होते,
बहुत से लोगो को याद होगा और मुझे भी बर्लिन की गिरती दीवार के दृश्य याद है।
बहरहाल इतना ही की लोगो को बोलने दीजिये और अगर आप उनसे सहमत नहीं तो बिलकुल आप भी बोलिये लेकिन किसी को ग्रुप बनाकर ट्रोल करेंगे तो ध्यान रखिए सत्ता क्षण भंगुर है आज आपको फल नहीं मिल रहा कल जब आप चिल्लायेंगे तो लोग आपके ही पुराने ट्वीट दिखाकर आपके पाप याद दिलाएंगे।और आखिर में फैज़ का शेर जो उन्होंने आज़ादी के मतवालों के लिए लिखा था जो आज भी प्रासंगिक है।    
   
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे,
बोल ज़बाँ अब तक तेरी है!

बोल कि सच ज़िंदा है अब तक,
बोल जो कुछ कहना है कह ले!
~फ़ैज़ अहमद फ़ैज़~